व्यंग रचना
जुमला एकेडमी स्टार्टअप
वीरेश दत्त माथुर
सुबह-सुबह भाई साहब ने मेरे घर का दरवाजा खटखटाया। मैंने पूछा भाई साहब क्या हुआ कोई राजनीतिक भूचाल आ गया क्या इतनी जल्दी आने का क्या कारण है। तपाक से बोले भाई आज मैंने निर्णय कर लिया है अब मैं नेतागिरी नहीं बिजनेस करूंगा। मैं भी अब अपना नया स्टार्टअप शुरू करूंगा। जल्दी बहुत पैसा बनाउंगा। मैंने पूछा आपने इतने लंबे समय नेतागिरी में सेवा, तपस्या की है अब अचानक क्यों नेतागिरी छोड़ने का मन बना रहे हो। बोले भाई नेतागिरी अब नेतागिरी नहीं चमचागिरी हो गई है।
आज वो ही नेता चमक रहा है जो चमचागिरी का चैम्पियन है। देखों हमारे जैसे नेता तो आज भी मीटिंग में दरी ही उठा रहे है लेकिन जो चमाचागिरी करने में माहिर है वो नेता आज बोर्ड, निगम के चेयरमैन बन रहे है, कई लाभ के पदों पर बैठ रहे हैं। भाई साहब बोलते हुए कहते है मैंने जिंदगी में नेतागिरी करने का गलत निर्णय लिया। सालों से नेतागिरी कर रहा हूं लेकिन फंड नहीं बना पाया हूं।
भाई साहब की बात सुनते हुए मेरे भतीजे ने कहा भाई साहब आप इतने लंबे समय से नेतागिरी कर रहे है और फंड नहीं बना पाये। ये बात हजम नहीं हो रही है। आज सड़क बनाने से लेकर पुल बनाने और सरकारी ऑफिस की बिल्डिंग बनाने से लेकर नहरों में पानी देने का ठेका भी नेता ही उठा रहे है। अब तो नेताजी सरकार में खाने की सप्लाई भी करने लगे है। जब सरकार में आज हर काम ठेके पर होने लगा है ऐसे में आप सरकारी काम का ठेका नहीं ले पाये आश्चर्य है।
भाई साहब बोले भतीजे मैं सिद्धांतों की राजनीति करने वाला व्यक्ति हूं, जनसेवा ही मेरा धर्म है। मैं गलत तरीकों से पैसे कमाने के खिलाफ हूं। इसलिए आज मेरे पास पैसे नहीं है। भाई साहब लगातार बोलत हुए कहते है आज राजनीति में सिद्धांत गायब हो गये है। आज तो नेताओं को जनता की फ्रिक कहा है सब अपनी जेबे भरने में लगे हुए है।
भाई साहब की बात सुनते हुए भतीजा बोल उठा ठीक कह रहे हो भाई साहब। आज केवल जनता की योजनाओं के नाम बदले जा रहे है। जनकल्याण की योजनाएं धरातल पर कहीं लागू हो नहीं रही है। आज सरकार ने इतनी जनकल्याणकारी योजनाएं चलाने की घोषणा कर दी है कि सालों निकल जाएगे ये योजनाएं पूरी नहीं हो पाएगी। आज बहुत सी जनकल्याणकारी योजनाओं के चलने की बात की जा रही है लेकिन हकीकत में इन योजनाओं की धोषणा करने वालों को भी योजना का पूरा नाम सही सही पता नहीं है।
नेतागिरी से तो आज भाई साहब खूब चिड़े हुए थे। वो बोलते है आज कुएं में भांग हो गई है। सरकार के जिस काम को देखों हर काम के हालात खराब है। गड़बड़ घोटाला तो आज सरकार के काम में हर स्तर पर है। भाई साहब आज नेतागिरी पर ऐसा गुस्सा निकाल रहे थे जैसे फिल्मों में हीरो विलेन को खूब पीटता है। मैंने भाई साहब से कहा आप बात क्या करने आये थे और क्या क्या बातें कर रहें हो। सही मुद्दे से आप क्यों भटक रहे हो। बोले हां चलो नेतागिरी की बातें छोड़ों। ये मेरा बायोडाटा देखों और मुझे स्टार्टअप का आइडिया बताओं।
मैने भाई साहब के बायोडाटा पर नजर दौड़ाई तो मुझे चक्कर से आने लगे। भाई साहब तो दलबदल के एक्सपर्ट निकले। उन्होंने बार-बार कई पार्टी बदली थी। सरकार गिराने और बनाने में उनकी सक्रिय भूमिका रही थी। आज वो नेतागिरी से नाराज चल रहे है ये मुझे समझ नहीं आया। मैने सोचा भाई साहब नेतागिरी का कोई बड़ा दाव खेलना चाहते है। इसलिए स्टार्टअप की बात कर रहे है।
भाई साहब की नेतागिरी की कुंडली देखते हुए मैंने कहा आपके लिए सबसे अच्छा और हिट बिजनेस जुमला एकेडमी स्टार्टअप रहेगा। बोले ये क्या है जुमला एकेडमी स्टार्टअप। मैंने कहां भाई साहब आज चुनाव मैं मुद्दों पर तो बात होती नहीं है। चुनाव आज जुमलों से जीते जाते है।
अब चुनाव का मौसम आने वाला है। आप तो शानदार ऑफिस लेकर बाहर से प्रोफेशनल लोगों की टीम बनाकर जुमला एकेडमी स्टार्टअप लॅाच कर दीजिए। वैसे भी सभी पार्टी के नेताओं से आपके सम्पर्क है। उन सब को आप अपना क्लाइन्ट बना लीजिए। जुमला एकेडमी स्टार्टअप में आप नेताओं को चुनाव जीतने के गुरू सिखाइए, नेताओं को जीतने के लिए तरह-तरह के जुमले बताइए। जो आपको ज्यादा फीस दे उसे स्पेशल जुमला बताइए। नेतागिरी की ट्रेनिंग का यह शानदार स्टार्टअप आपको पैसा भी दिलाएगा और शोहरत भी आपकी बढाएगा।
मेरे द्वारा जुमला एकेडमी स्टार्टअप का आइडिया बताने के बाद भाई साहब का राजनीतिक दिमाग चलने लगा। वो तपाक से बोले इस स्टार्टअप से तो मेरे आसपास राजनैताओं का जमावड़ा हो जाएगा। मैं चुनाव जिताने का प्रमुख रणनीतिकार बन जाउंगा। वैसे भी सबसे बड़ा पैसा तो चुनाव से ही आता है। मेरा स्टार्टअप बहुत जल्दी लोकप्रिय हो जाएगा तथा पैसा कमाने वाला बड़ा स्टार्टअप बन जाएगा। हमारी की बातचीत के दौरान भतीजा चाय लेकर आ गया। भाई साहब चाय की चुस्कियों के साथ जुमला एकेडमी स्टार्टअप के हसीन सपनों में खो गये।
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वीरेश दत्त माथुर, 119 / 126, मानसरोवर, जयपुर