व्यंग रचना
सफाई करने के नाम से आ रहे
हैं
चक्कर
दीपावली पर इन दिनों घरों में सफाई का दौर चल रहा है। इस समय बहुत से घरों में सुबह-सुबह चाय की चुस्कियों के साथ पत्नी पति से बोल रही है अजी सुनते हो घर की सफाई कब करोगे। सफाई करने के नाम से आजकल कई लोगों का अच्छा खासा मूड खराब हो रहा है। कुछ लोगों को घर की सफाई करने के नाम से ही चक्कर आ रहे है।
आजकल सफाई को लेकर घर-परिवार के सदस्यों में आपसी नोकझोंक बढ़ती जा रही है। कई घरों में घर के युवा सदस्य बरसों से बेकार पड़े घर के कबाड़ को फेंकने की जिद कर रहे है, तो कई बुर्जुग लोग पुराने सामान के प्रति मोह के चलते उसे बेचने में रूचि नहीं ले रहे है। घर का कबाड़ आज घर में ही महाभारत करवा रहा है।
आज कई घरों में इतना कबाड़ भरा है कि जो सामान कबाड़ी की दुकान पर नहीं है वो सामान उनके घर पर मिल जाएगा। आज कबाड़ को लेकर कई घरो में पति-पत्नी में झगड़ा चल रहा है। पति कबाड़ के सामान को बेकार बताकर फेकना चाहता है जबकि पत्नी पुराने सामान को उपयोगी बताकर उसे रखना चाहती है। ऐसे में जब पत्नी किसी काम के लिए घर से बाहर चली जाती है तब पति गुपचुप तरीके से कबाड़ को बेच रहे है।
यूं तो सफाई सबको पसंद है लेकिन कुछ लोगों में सफाई करने की ज्यादा ही आदत होती है। ऐसे लोग जब भी मौका मिलता है झाडू, पोछा लेकर कमरों की सफाई करने लग जाते है। ये लोग हर मेहमान के आने से पहले कमरे में झाडू लगाते है और मेहमान के जाने के बाद भी कमरे में झाडू लगाते है। दीपावली के दिनों में तो सफाई पसंद व्यक्ति ज्यादा सक्रिय हो जाते है। दूर से भी इन लोगों को कचरे वाला आया की आवाज सुनाई देती है तो तेजी से दौड़कर अपने घर के बाहर कचरे का डब्बा लेकर आ जाते है। वहां भी जो दिखता है उसे सफाई के महत्व पर चार लाइन बोल ही देते है।
सफाई की जिनको आदत हो जाती है। वह घर ही नहीं सार्वजनिक स्थान पर भी सफाई के बारे में लोगों को टोक देते है। सफाई पसंद लोगों को स्वच्छ भारत का इरादा कर लिया हमने गाना फिल्म के गाने से भी ज्यादा अच्छा लगता है। जब भी समाचार पत्र या टी.वी पर स्वच्छा पर कोई कार्यक्रम आता है सफाई पसंद लोग उसे पूरा देखते है।
वैसे दीपावली पर हर व्यक्ति अपने घर को चमकाने में कोई कसर नहीं छोड़ता है। लेकिन सफाई के प्रति दीवाने लोग घर पर सफाई का काम करने वाली बाई के झाडू-पोछा लगाने के बाद भी खुद घर को साफ करने का प्रयास करते है। ऐसे लोगों को कभी भी सफाई करने वाली बाई का काम पसंद नहीं आता है न ये लोग कभी सफाई से संतुष्ट रहते है। जिनको सफाई की आदत हो जाती है वो हमेशा हमारा घर बहुत गंदा रहता है इसका रोना लोगों के बीच रोते रहते है। यदि किसी कारण आंधी, तूफान और बारिश आ जाये तो ये सफाई पसंद लोग न खाना खाते है न पानी पीते है। बस झाडू उठाकर घर को साफ करने में लग जाते है।
यूं तो आजकल बाजार में साफ-सफाई के लिए अनेक उपकरण और औजार आ गये है। लेकिन बहुत से घरों में अभी भी लोग देसी तरीके से ही सफाई करते नजर आते है। दीपावली पर घर का पंखा साफ करने के लिए ज्यादातर लोग सोफे पर कुर्सी रखकर तो कुछ स्टूल पर चढ़कर पंखा साफ करते है।
ऐसे में बहुत से लोगों को कुर्सी पर चढ़कर साफ-सफाई की आदत नहीं होने के चलते वे दुर्धटना का शिकार हो जाते है। फिर डॅाक्टर के पास जाकर प्लास्टर छड़वाकर घर आते है।
वैसे कुछ लोग दूसरे को देखकर अपना सफाई अभियान शुरू करते है। बहुत से लोग विज्ञापनों के भ्रम जाल में उलझकर घर के लिए तड़क भड़क वाला पेन्ट का रंग खरीद लाते है। लेकिन जब वह रंग घर की दीवारों पर लगता है तो घर चमकने के बजाय बदसूरत ज्यादा नजर आता है।
दीपावली पर कई लोगों को खुद ही घर पर पेन्ट करने का भूत सवार होता है। ऐसे लोग बाजार से पेन्ट, ब्रश आदि ले आते है। फिर पूरा परिवार जोश से घर को पेन्ट करने में लग जाता है, लेकिन एक कमरा करने के बाद ही जब थकान का एहसास होने लगता है तो लोगों को नानी याद आ जाती है।
ऐसे लोगों को पेन्ट करने का अनुभव नहीं होने के चलते कमरे की एक दीवार ज्यादा गहरा रंग हो जाती है तथा कुछ दीवारे हल्ली रंग की नजर आने लगती है। खुद के पेन्ट करने से कई बार व्यक्ति बीमार हो जाता है। जितना पैसा पेन्ट करने में बचाया था उससे ज्यादा तो बीमारी के इलाज में लग जाता है।
बहुत से लोगों ने जोश - जोश में सफाई के लिए वेक्यूम क्लीनर खरीद रखा है। लेकिन लोगों को इसे चलाना नहीं आता इस कारण कई घरों में सफाई की मशीन खुद कबाड़ बन गई है।
वैसे दीपावली पर सफाई पसंद लोग ज्यादा ही रूतबे में नजर आते है। वे दीपवली की सफाई के लिए घर के सदस्यों को फरमान जारी कर देते है। कि फला दिन घर की सफाई होगी। ऐसे में सफाई वाले दिन युवा पीढ़ी के लोग कोई न कोई बहाना बनाकर घर से बाहर रहने का प्रयास करते है।
कई युवा आज घर की सफाई के लिए बाहरी एजेन्सी को बुलाने लगे है। आज सफाई की एजेन्सी के विज्ञापन टी.वी व अन्य सोशल मीडिया में खूब नजर आने लगे है। सफाई से जी चुराने वाले युवा आज घर पर जब भी सफाई की बात होती है। बाहरी सफाई एजेन्सी बुलाने की वकालात करते है।
आज हर तरफ सफाई की बढ़ती मांग के चलते बाहरी सफाई एजेन्सी का धंधा खूब चल रहा है। अब बड़े-बड़े कॅाम्प्लेक्स व मॅाल में आधुनिक तकनीक व संसाधन से सफाई होने लगी है। आज सफाई व्यवस्था के क्षेत्र में आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल हो रहा है।
लगता है आने वाले समय में दीपावली पर आप जब घर की सफाई के लिए बाहरी सफाई एजेन्सी को फोन धुमायेगे तो उसके बाद आपके घर की सफाई के लिए ड्रोन पर उड़कर एक रोबोट आएगा। बोलेगा हुजर बताईए कहा करनी है सफाई।