व्यंग्य रचना
जाम
में
फंसा दूल्हा
जाम में फंसा दूल्हा, ब्यूटी पार्लर पर अटकी दूल्हन। जी हां अब शहर में शादियों के सीजन में ये बातें सुनने को मिलेगी। अब शादियों का सीजन शुरू हो गया है। शादी ब्याह की मौज मस्ती, खान पान और मनोरंजन सब को अच्छा लगता है, लेकिन विवाह स्थल पर आते या जाते समय व्यक्ति जब ट्रैफिक जाम में फंस जाता है तब वह कभी शादी वालों को कोसता है तो कभी अपने पर खीज उतारता है। ट्रैफिक जाम के चलते कई बार शादियों में दूल्हे को बैंड बाजा बारात छोड़कर दो पहिया वाहन से लड़की वालों के पहुंचने की स्थित बन जाती है। ब्यूटी पार्लर गई दुल्हन जब जाम में फंस जाती है तो सजी धजी कार को छोड़कर मोटर साइकिल से ही अपने विवाह स्थल पहुंचती है।
बैंड बाजा और बारात के साथ ठाठ बाठ से घोडे पर बैठा दूल्हा जब लम्बे समय तक जाम में फंस जाता है और मुहूर्त का समय निकल रहा होता है तब वह कभी ट्रैफिक पुलिस वालों पर अपना गुस्सा उतारता है कभी बीच में गाड़ी फंसाने वाले लोगों पर अपनी आग उगलता है। ट्रैफिक जाम में फंसी बारात को सामान्य राहगीर भी बड़े अटपटे भाव से देखता है। वह बारात की तारीफ करने के बजाय ट्रैफिक जाम के लिए बारात को मुख्य जिम्मेदार ठहराते है। चमक दमक कपड़े पहने बारातियों को ट्रैफिक जाम के चलते उड़ते धूल धुएं के गुब्बार से जब दो चार होना पड़ता है तो वे शादी में आने से तौबा करने की बात करने लगते है। लकदक साड़ियों और महंगे लहंगे के साथ खूबसूरत मेकअप करवाकर निकली बारात की महिलाएं तो ट्रैफिक जाम का ठीकरा जो दिखता है उस पर ही फोड़ने लगती है।
यूं तो आजकल शहर में रोज ही ट्रैफिक जाम की स्थिति बनती है। लेकिन अबूझ सावों के वक्त तो शहर में चारों तरफ ट्रैफिक रेंग रेंग कर ही चलता है। आजकल शादियों में कई लोग ट्रैफिक जाम की स्थिति के चलते शादी में खाने के स्थान पर खुद होटल में खाना खाकर घर लौटने को मजबूर हो रहे है। दूर हो रही शादी में जाने से तो आज ज्यादातर लोग कन्नी ही काटने लगे है। लोग आज शादी के कार्ड या मैसेज में किसकी शादी कहा हो रही है ये देखने से पहले शादी किस स्थान पर हो रही है यह सबसे पहले देखने लगे है।
शादियों के सीजन में आजकल शहरों में ट्रैफिक जाम होना अब आम बात हो गई है। शादियों के अबूझ मुहूर्त पर तो आम लोगों को घंटो सड़क पर गुजारने के बाद भी घर पहुंचना मुश्किल ही लगता है। वैसे शादियों में बारात से ही ट्रैफिक जाम होता है यह कहना सही नहीं है। लोग बेतरतीब तरीके से जिस तरह पार्किंग करते है वह भी ट्रैफिक जाम होने का मुख्य कारण है। हालांकि कुछ समझदार बाराती सड़क पर जब बारात निकल रही होती है तो उधर से गुजरने वाले लोगों को रास्ता देते है लेकिन ज्यादातर युवाओं को बारात में बीच सड़क पर डांस करने से मतलब होता है। उन्हें ट्रैफिक जाम हो रहा है इसकी कोई परवाह नहीं होती।
अब तो शादियों में एक से बढ़कर एक दिखावे का चलन चल रहा है। बारात भी शानदार लाई जा रही है तो महिला संगीत भी शानदार हो रहा है।
अब शादी के महिला संगीत के आयोजन में रिश्तेदार तो केवल तालियां बजाने के लिए ही आते है। आज पूरा महिला संगीत प्रोफेशनल एंकर द्वारा संचालित किया जाने लगा है। आज महिला संगीत में बन्ना-बन्नी गाना अब पुराने जमाने की बात हो गई है। अब तो महिला संगीत में वॅालीवुड कलाकारों के साथ आधुनिक वॅालीवुड के गीत गूंजते लगे है। आजकल बच्चे, युवा और बूढे सहित पूरे परिवार द्वारा महिला संगीत में डांस करना फैशन बन गया है। इस कारण बच्चों की मर्जी के चलते घर के बुजुर्ग भी अब मै तेरी गर्लफ्रेंड तू मेरा ब्वॉयफ्रेंड जैसी बॉलीवुड की धुन पर स्टेज पर थिरकने लगे है।
हमारे यहां आज महिला संगीत स्टेटस सिंबल बन गया है। इसलिए परिवार के हर सदस्य अब अलग-अलग थीम पर महिला संगीत में डांस करते नजर आ रहे है। अब दूल्हे के 90 साल के दादाजी से लेकर दूल्हन की 85 साल की नानीजी को महिला संगीत में स्टेज पर मै तेरे काबिल हूं या मै तेरे काबिल नहीं जैसे वॅालीवुड के गीतों पर नचाया जा रहा है। आज दूल्हे के मौसाजी, फूफाजी, मामाजी से लेकर दूल्हन के जीजाजी, चाचाजी, चाचीजी द्वारा महिला संगीत में कोरियोग्राफर के इशारों पर डांस करना फैशन बन गया है। आज शहरों में कोरियोग्राफर महिला संगीत के गाने और डांस के स्टेप तय कर रहे है। प्रोफेशनल एंकर महिला संगीत को इस तरह संचालित कर रहे है जैसे कि यह फैशन शो हो रहा हो।
पहले शादी के महिला संगीत में देशी गीत गूंजते थे। ढोलक की थाप के साथ दूल्हा, दुल्हन के लिए अलग-अलग बन्ने, बन्नी पर घर परिवार के लोग गाते बचाते थे। लेकिन आज कानफोडू डीजे और चमकती लाइटों की चकाचैंध में महिला संगीत का आनंद खो गया है। अब तो महिला संगीत में प्रोफेशनल ग्रुप की परफोरमेन्स करवाई जाने लगी है। शादी के महिला संगीत की वो मिठास और ताजगी आज नहीं रही जो पहले हुआ करती थी है। आज महिला संगीत में कृत्रिमता और चकाचैंध हावी हो रही है।
अब तो सोशल मीडिया के जरिए महिला संगीत का प्रचार-प्रसार भी तेजी से किया जाने लगा है। लगता है आने वाले समय में देश में फिल्म फेयर अवार्ड की तरह बेस्ट महिला संगीत अवार्ड भी शुरू होने वाला है। कुछ समय बाद आपको टी.वी की बे्किंग न्यूज में खबर देखने को मिल सकती है कि फला महिला संगीत में 104 साल के दूल्हे के दादाजी ने 102 साल की दूल्हन की नानीजी के साथ आंख मारे ओ लडकी आंख मारे गाने पर बेस्ट परफोरमेन्स दी। देखते जाइएं शादी के रंग में अब में क्या क्या नया होने जा रहा है पर शादी में जाने से पहले ट्रैफिक का ताजा हाल जरूर जान लीजिए।